गाजियाबाद में चैंबर में वकील की हत्या:2 हमलावरों ने खाना खाते समय कनपटी पर मारी गोली; गाजियाबाद तहसील में दिनदहाड़े वारदातगाजियाबाद25 मिनट पहले
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गाजियाबाद में बुधवार को चैंबर में घुसकर वकील की गोली मारकर हत्या कर दी गई। वारदात के वक्त वह अपने चैंबर में खाना खा रहे थे। तभी दो हमलावर आए। उन्होंने वकील की कनपटी पर गोली मारी और फरार हो गए। वकील की मौके पर ही मौत हो गई।
घटना का पता चलते ही बड़ी संख्या में वकील इकट्ठा हो गए हैं। पुलिस मौके पर जांच कर रही है। शुरुआती जांच में मृतक वकील के साले पर हत्या का शक जा रहा है। प्रदेश में वकीलों के प्रदर्शन के चलते आज तहसील में काफी पुलिस फोर्स तैनात थी। इसके बावजूद हमलावर हत्या करके फरार हो गए। इससे पुलिस सुरक्षा पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
वहीं, पुलिस के मुताबिक, CCTV फुटेज में दो संदिग्ध युवक कैद हुए हैं। दोनों दोपहर करीब 1:38 बजे मुंह पर रुमाल बांधकर बाइक से तहसील में घुसे थे। पुलिस दोनों संदिग्ध युवकों की तलाश कर रही है। मामला सिहानी गेट थाना क्षेत्र की सदर तहसील का है।
हमलावरों को सीसीटीवी फुटेज सामने आया है, इसमें दिख रहा है कि दो युवक मुंह पर रुमाल बांधकर तहसील में आए थे।
तहसील परिसर में मची भगदड़
बुधवार दोपहर करीब 2 बजे मनोज चौधरी (35) चैंबर नंबर-95 में खाना खा रहे थे। उनके साथ तीन अन्य लोग भी बैठे थे। तभी 2 अज्ञात युवक चैंबर में घुस आए। जब तक कोई कुछ समझ पाता, उन्होंने मनोज चौधरी की कनपटी पर गोली मारी और भाग गए।
वारदात के बाद चैंबर में बैठे लोग चीखते हुए बाहर की ओर भागे। वहीं, गोली की आवाज सुनकर भगदड़ मच गई। घटना का पता चलने पर एडिशनल पुलिस कमिश्नर दिनेश कुमार पी, DCP निपुण अग्रवाल कई थानों की फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे। पुलिस ने जांच पड़ताल के बाद वकील का शव पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा है। चैंबर में मौजूद अन्य लोगों से पूछताछ की जा रही है।
गाजियाबाद सदर तहसील में अधिवक्ता मोनू चौधरी का लहूलुहान शव उनके चैंबर में कुर्सी पर मिला है।
साले पर हत्या का शक, पुलिस कर रही तलाश
वारदात से वकीलों में गुस्सा है। वकीलों के हंगामे की आशंका के चलते कई थानों का फोर्स तहसील परिसर के आसपास तैनात कर दिया गया है। हत्या किस वजह से हुई, यह अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है।
हालांकि शुरुआती जांच में पता चला है कि मनोज चौधरी का बहनोई से विवाद चल रहा था। वारदात के बाद से वह लापता है। इसलिए उसी पर वारदात का शक है। फिलहाल पुलिस टीमें उसको खोज रही हैं। मनोज चौधरी तहसील बार एसोसिएशन का चुनाव भी लड़ चुके थे।
पुलिस फोर्स घटनास्थल पर मौजूद है और छानबीन चल रही है।
चश्मदीद बोला- हम कुछ समझ ही नहीं पाए
सदर तहसील का चैंबर नंबर-95 मुनेश त्यागी का है। वह गांव दुहाई के रहने वाले हैं और बैनामा लेखक हैं। इसी चैंबर में वकील मनोज चौधरी उर्फ मोनू बैठते थे। वारदात के चश्मदीद बैनामा लेखक मुनेश त्यागी हैं।
मुनेश त्यागी ने बताया, दोपहर करीब डेढ़ बजे के आसपास मैं, अधिवक्ता मनोज चौधरी, मुंशी जितेंद्र और गौरव खाना खा रहे थे। इस दौरान दो नकाबपोश बदमाश चैंबर में घुस आए। उन्होंने मनोज चौधरी कनपटी में गोली मार दी और पैदल ही भाग गए। हम कुछ समझ ही नहीं पाए। चंद सेकेंड में ये सारा घटनाक्रम हुआ।
यह फोटो मनोज चौधरी उर्फ मोनू की है। इन्हीं की हत्या की गई है।
बहनोई पर हत्या करने का आरोप
मृतक मनोज चौधरी उर्फ मोनू की बहन सरिता ने अपने पति और देवर पर हत्या करने का आरोप लगाया है। सरिता ने बताया, ''पति से मेरा विवाद चल रहा है। इसी वजह से मैं 24 जून से अपने मायके में रह रही हूं। तीन दिन पहले मेरे पति और देवर ने भाई मनोज को धमकी दी थी।'' मनोज गोविंदपुरम के रहने वाले थे। उनके परिवार में पत्नी और दो बच्चे हैं।
मनोज चौधरी इसी चैंबर में बैठते थे।
मीटिंग में थे ज्यादातर वकील, तभी हुई वारदात
सदर तहसील बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक कुमार वर्मा ने बताया, हापुड़ वाले प्रकरण को लेकर आज सभी वकील हड़ताल पर चल रहे थे। इसी बीच हमारी मीटिंग चल रही थी। मीटिंग खत्म होते ही हमें गोली चलने की सूचना मिली। जब हम मौके पर आए तो चैंबर के अंदर कुर्सी पर वकील मनोज चौधरी का शव पड़ा हुआ था। ज्यादातर वकील उस घटना के वक्त मीटिंग में मौजूद थे।
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