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चंद्रयान-3 पृथ्वी की अगली कक्षा में पहुंचा:इसरो ने कहा- स्पेसक्राफ्ट सही कंडीशन में है; अभी 4 बार और बदली जाएगी ऑर्बिटबेंगलुरु4 घंटे पहले
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ऑर्बिट राइजिंग की प्रक्रिया इसरो के बेंगलुरु स्थित टेलीमेट्री ट्रैकिंग एंड कमांड नेटवर्क (ISTRAC) में की गई।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के वैज्ञानिकों ने शनिवार को चंद्रयान -3 की पहली ऑर्बिट रेजिंग की प्रक्रिया को सफलतापूर्वक पूरा किया। यानी चंद्रयान अब पृथ्वी की अगली और पहले से बड़ी कक्षा में पहुंच गया है। ये प्रोसेस इसरो के बेंगलुरु स्थित टेलीमेट्री ट्रैकिंग एंड कमांड नेटवर्क (ISTRAC) से कंट्रोल की गई। 31 जुलाई तक ऑर्बिट रेजिंग की प्रक्रिया 4 बार और की जाएगी।
इसरो ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में बताया, ‘चंद्रयान-3 सही कंडीशन में है। यान एक ऐसी ऑर्बिट (कक्षा) में है, जो पृथ्वी से सबसे नजदीक होने पर 173 किलोमीटर और सबसे दूर होने पर 41,762 किलोमीटर की दूरी पर है।
लॉन्चिंग के 16 मिनट बाद पृथ्वी की कक्षा में पहुंचा यान
इसरो ने 14 जुलाई को 2 बजकर 35 मिनट पर चंद्रयान-3 की सफलतापूर्वक लॉन्चिंग की। आंध्र प्रदेश में श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से LVM3-M4 रॉकेट के जरिए चंद्रयान को स्पेस में भेजा गया। लॉन्चिंग के 16 मिनट बाद चंद्रयान को पृथ्वी की कक्षा में सफलतापूर्वक पहुंचा दिया गया। ये कक्षा पृथ्वी से सबसे नजदीक होने पर 170 किलोमीटर और सबसे दूर होने पर 36,500 किलोमीटर की दूरी पर थी।
लॉन्चिंग के 16 मिनट बाद चंद्रयान-3 को रॉकेट ने पृथ्वी की कक्षा में पहुंचा दिया गया।
23 अगस्त को चांद पर उतरेंगे लैंडर और रोवर
इसरो चीफ एस सोमनाथ ने बताया कि अगर सब कुछ प्लान के अनुसार रहा तो यान 23 अगस्त को शाम 5.47 बजे चांद पर उतरेगा। चंद्रयान-3 में लैंडर, रोवर और प्रोपल्शन मॉड्यूल हैं। लैंडर और रोवर चांद के साउथ पोल पर उतरेंगे और 14 दिन तक वहां प्रयोग करेंगे।
प्रोपल्शन मॉड्यूल चंद्रमा की कक्षा में रहकर धरती से आने वाले रेडिएशन्स का अध्ययन करेगा। मिशन के जरिए इसरो पता लगाएगा कि चांद की सतह पर कैसे भूकंप आते हैं। यह चंद्रमा की मिट्टी का अध्ययन भी करेगा।
भारत ऐसा करने वाला चौथा देश बन जाएगा
अगर सॉफ्ट लैंडिंग में सफलता मिली यानी मिशन सक्सेसफुल रहा तो अमेरिका, रूस और चीन के बाद भारत ऐसा करने वाला चौथा देश बन जाएगा। अमेरिका और रूस दोनों के चंद्रमा पर सफलतापूर्वक उतरने से पहले कई स्पेस क्राफ्ट क्रैश हुए थे। चीन 2013 में चांग'ई-3 मिशन के साथ अपने पहले प्रयास में सफल होने वाला एकमात्र देश है।
आदिपुरुष फिल्म के बजट से सस्ता चंद्रयान-3
बिना लॉन्चिंग कॉस्ट के चंद्रयान-3 का बजट लगभग 615 करोड़ रुपए है, जबकि हाल ही में आई फिल्म आदिपुरुष का बजट 700 करोड़ रुपए था। यानी चंद्रयान-3 इस मूवी की कॉस्ट से करीब 85 करोड़ रुपए सस्ता है। इससे 4 साल पहले भेजे गए चंद्रयान 2 की लागत भी 603 करोड़ रुपए थी। वहीं इसकी लॉन्चिंग पर 375 करोड़ रुपए खर्च हुए थे।
ग्राफिक में देखें किस तरह चांद तक पहुंचेगा चंद्रयान-3…
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