भारत में रात 9:30 पर दिखेगा सुपर ब्लू मून:सामान्य से 7 प्रतिशत बड़ा और ज्यादा चमकदार होगा चांद36 मिनट पहले
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नासा ने सुपरमून की ये तस्वीर 1 अगस्त को शेयर की थी।
रक्षाबंधन पर आज फुल मून, सुपरमून और ब्लू मून तीनों एक साथ पड़ रहे हैं। इस खगोलीय घटना को 'सुपर ब्लू मून' कहा जाता है। रात करीब 9:30 बजे इसे देखा जा सकेगा। ये रोजाना की अपेक्षा 7 प्रतिशत बड़ा होगा और ज्यादा चमकदार होगा। ये घटना तब होती है, जब चंद्रमा पृथ्वी के करीब आता है।
इससे पहले एक अगस्त को भी फुल मून हुआ था। तब चांद पृथ्वी से 3,57,264 किलोमीटर दूर रहा। जबकि आमतौर पर यह सबसे दूर 4,05,000 किलोमीटर और सबसे करीब 3,63,104 किलोमीटर दूर होता है। अब अगली बार यह खगोलीय घटना 19/20 अगस्त, 2024 में दिखाई देगी।
क्या होता है सुपरमून?
सुपरमून एक ऐसी खगोलीय घटना है, जिसमें चांद अपने सामान्य आकार से ज्यादा बड़ा दिखाई देता है। सुपरमून हर साल तीन से चार बार देखा जाता है।
सुपरमून दिखने की वजह भी काफी दिलचस्प है। दरअसल, इस दौरान चांद धरती का चक्कर लगाते-लगाते उसकी कक्षा के बेहद करीब आ जाता है। इस स्थिति को पेरिजी (Perigee) कहा जाता है। वहीं, चांद के धरती से दूर जाने पर उसे अपोजी (Apogee) कहते हैं। एस्ट्रोलॉजर रिचर्ड नोल ने पहली बार 1979 में सुपरमून शब्द का इस्तेमाल किया था।
अपोजी में धरती और चांद के बीच की दूरी करीब 4.05 लाख किलोमीटर होती है। पेरिजी में धरती से चांद की दूरी करीब 3.63 लाख किलोमीटर होती है। (Source: NASA)
अब पढ़िए ब्लू मून क्या होता है?
चांद की एक साइकिल 29.5 दिन की होती है। जब किसी एक कैलेंडर मंथ में दो बार पूर्णिमा पड़ जाए तो इसे ही ‘ब्लू मून’ कहा जाता है। जैसे- अगस्त 2023 में 1 तारीख को पूर्णिमा थी, अब 30 अगस्त को दूसरी पूर्णिमा पड़ रही है इसलिए इसे ब्लू मून कहा जा रहा है।
आम तौर पर ऐसा हर 2 से 3 साल में एक बार होता है। 30 अगस्त को फुल मून, सुपरमून और ब्लू मून तीनों पड़ रहे हैं, इसलिए इसे ‘सुपर ब्लू मून’ कहा जा रहा है।
सुपर ब्लू मून के दिन चांद नीला दिखाई देगा?
यहां ब्लू मून शब्द का चांद के कलर से कोई लेना-देना नहीं है। साल 1940 से ये चलन शुरू हुआ कि अगर एक ही महीने में दो फुल मून यानी पूर्णिमा पड़ती है तो दूसरे फुल मून को ब्लू मून कहा जाएगा। चूंकि इसी दिन सुपरमून भी है तो इस दिन चांद बड़ा और चमकदार दिखाई देगा, लेकिन नीला नहीं।
सुपर ब्लू मून में चांद नीला नहीं होता, बल्कि ज्यादा बड़ा और चमकदार दिखाई देता है। (Source: AFP)
सुपर ब्लू मून देखने का सबसे सही समय क्या है?
सुपर ब्लू मून देखने का सबसे सही समय सूर्यास्त के फौरन बाद होता है। इस समय यह सबसे सुंदर दिखता है। ब्रिटिश समर टाइम के मुताबिक लंदन में शाम के 8:08 बजे से लोग सुपर ब्लू मून देख पाएंगे। अमेरिका के न्यूयॉर्क में चांद का उदय ईस्टर्न डेलाइट टाइम के मुताबिक शाम के 7:45 बजे होगा।
भारत में 30 अगस्त की रात 9:30 बजे सुपर ब्लू मून दिखने लगेगा। 31 अगस्त की सुबह 7.30 बजे ये अपने पीक पर होगा। (Source: AFP)
क्या ब्लू मून और सुपरमून हमेशा साथ-साथ पड़ते हैं?
नहीं, ऐसा नहीं होता है। जब फुल मून धरती के सबसे करीब यानी पेरिजी पॉइंट पर होता है तब सुपरमून होता है। एक साल में ऐसा तीन से चार बार हो जाता है। यह इतना कॉमन है कि फुल मून का 25% सुपरमून होता है।
हालांकि, सुपर ब्लू मून इतना कॉमन नहीं है। फुल मून का केवल 3% ही सुपर ब्लू मून होता है। दोनों के बीच टाइम को लेकर भी फर्क है। सुपरमून साल में तीन से चार बार हो जाता है, लेकिन ब्लू सुपरमून का टाइम गैप ज्यादा होता है। यह 10 साल से लेकर 20 साल तक हो सकता है। उदाहरण के लिए अब अगला ब्लू सुपरमून साल 2037 में होगा, यानी अब से 14 साल बाद।
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