America-Russia: रूस के राष्ट्रपति पुतिन के खिलाफ बगावत करने वाले वैगनर ग्रुप पर अब अमेरिका भी कार्रवाई करने जा रहा है। हालांकि यह कार्रवाई इसलिए नहीं है कि वैगनर ग्रुप ने पुतिन के खिलाफ बगावत की। बल्कि पहले से ही वैगनर ग्रुप पर प्रतिबंध लगाने का कदम उठाने वाला था। क्योंकि रूस की ओर से निजी आर्मी वैगनर ग्रुप यूक्रेन के खिलाफ आक्रामक है।
अमेरिका ने निजी सैन्य समूह ‘वैगनर‘ से जुड़ी चार कंपनियों और एक व्यक्ति पर प्रतिबंध लगाए हैं। ‘वैगनर‘ ग्रुप के प्रमुख येवगेनी प्रिगोझिन के नेतृत्व में रूस के खिलाफ किए विद्रोह के बाद यह कदम उठाया गया है। प्रिगोझिन ने हाल ही में अपने लड़ाकों को मॉस्को की तरफ कूच करने का आदेश दिया था। हालांकि, प्रीगोझिन ने अचानक रूस के साथ समझौता कर पीछे हटने और बेलारूस जाने की घोषणा कर दी थी।
अफ्रीका, यूएई में हैं वैगनर ग्रुप से जुड़ी कंपनियां
अमेरिका के वित्त मंत्रालय के विदेशी संपत्ति नियंत्रण कार्यालय ‘ओएफएसी‘ द्वारा मंगलवार को लगाए गए प्रतिबंधों में मध्य अफ्रीकी गणराज्य, संयुक्त अरब अमीरात और रूस में उन संस्थाओं को लक्षित किया गया है, जो ‘वैगनर‘ ग्रुप और इसके संस्थापक येवगेनी प्रीगोझिन से जुड़ी हैं। हालांकि प्रतिबंधों का पिछले सप्ताह के विद्रोह से सीधा संबंध नहीं है। अमेरिका ने पहले भी प्रीगोझिन और ‘वैगनर‘ समूह के खिलाफ कई बार प्रतिबंध लगाए हैं।
‘वैगनर‘ ग्रुप पर अमेरिकी चुनाव में हस्तक्षेप की कोशिश का भी है आरोप
समूह पर 2016 के अमेरिकी चुनाव में हस्तक्षेप करने की कोशिश का भी आरोप है। प्रिगोझिन से जुड़े मध्य अफ्रीकी गणराज्य में स्थित दो खनन कंपनियों ‘डायमविले एसएयू‘ और तथा ‘मिडास रिसोर्सेज एसएआरएलयू‘ पर प्रतिबंध लगाए गए हैं। साथ ही रूस स्थित सोने की बिक्री से जुड़ी ‘लिमिटेड लायबिलिटी कंपनी डीएम‘ और डायमविले को सहायता प्रदान करने वाले दुबई स्थित ‘इंडस्ट्रियल रिसोर्सेज जनरल ट्रेडिंग‘ पर भी प्रतिबंध लगाए गए हैं।
अमेरिका ने एक रूसी अधिकारी पर भी लगाया बैन
अमेरिका ने ‘वैगनर‘ ग्रुप के एक रूसी अधिकारी आंद्रेई इवानोव पर भी प्रतिबंध लगाया है। वित्त मंत्रालय के अनुसार, इवानोव ने माली में हथियार सौदों, खनन परियोजनाओं और ‘वैगनर‘ समूह की अन्य गतिविधियों को अंजाम देने के लिए माली की सरकार के अधिकारियों के साथ मिलकर काम किया था। मंत्रालय ने कहा कि प्रतिबंधित की गई कंपनियां ‘वैगनर‘ ग्रुप को धन मुहैया कराने के लिए सोने के अवैध सौदे करती हैं, ताकि समूह यूक्रेन और अफ्रीका में अपने सशस्त्र बलों को बनाए रख सके और उनका विस्तार कर सके।
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