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Hindi News Astrologybhadrapada amavasya 2023 kaal sarp and pitra dosh upay remedies14 सितंबर का दिन बेहद महत्वपूर्ण, इस खास उपाय को करने से कालसर्प और पितृ दोषों से मिलेगी मुक्ति
हिंदू पंचांग के अनुसार हर माह में अमावस्या पड़ती है। अमावस्या का हिंदू धर्म में बहुत अधिक महत्व होता है। इस समय भाद्रपद का महीना चल रहा है और भाद्रपद माह की अमावस्या 14 सितंबर को है।
Yogesh Joshiलाइव हिन्दुस्तान,नई दिल्लीFri, 08 Sep 2023 09:19 PMऐप पर पढ़ें
हिंदू पंचांग के अनुसार हर माह में अमावस्या पड़ती है। अमावस्या का हिंदू धर्म में बहुत अधिक महत्व होता है। इस समय भाद्रपद का महीना चल रहा है और भाद्रपद माह की अमावस्या 14 सितंबर को है। अमावस्या के दिन पवित्र नदियों में स्नान का बहुत अधिक महत्व होता है। भाद्रपद अमावस्या पर कुछ उपाय करने से पितृ और कालसर्प दोष से मुक्ति मिल जाती है। आइए जानते हैं भाद्रपद अमावस्या के दिन पितृ और कालसर्प दोष से मुक्ति के उपाय…
कालसर्प दोष
- ज्योतिषशास्त्र के अनुसार कुंडली में जब राहु और केतु के मध्य सभी ग्रह आ जाते हैं तो कालसर्प दोष का निर्माण हो जाता है। कालसर्प दोष की वजह से व्यक्ति को जीवन में कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
- उपाय – कालसर्प दोष से मुक्ति के लिए अमावस्या के पावन दिन विधि- विधान से भगवान विष्णु की पूजा- अर्चना करनी चाहिए। इस दिन गंगा जल से विष्णु भगवान का अभिषेक करें। भगवान विष्णु को भोग भी लगाएं और उनकी आरती करें। भगवान विष्णु की पूजा- अर्चना करने से कालसर्प दोष से मुक्ति मिल सकती है।
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पितृ दोष
- ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार कुंडली में दूसरे, चौथे, पांचवें, सातवें, नौवें और दसवें भाव में सूर्य राहु या सूर्य शनि की युति बनने पर पितृ दोष लग जाता है। सूर्य के तुला राशि में रहने पर या राहु या शनि के साथ युति होने पर पितृ दोष का प्रभाव बढ़ जाता है। इसके साथ ही लग्नेश का छठे, आठवें, बारहवें भाव में होने और लग्न में राहु के होने पर भी पितृ दोष लगता है। पितृ दोष की वजह से व्यक्ति का जीवन परेशानियों से भर जाता है।
- पितृ दोष उपाय- इस दोष से मुक्ति के लिए अमावस्या के दिन पितर संबंधित कार्य करने चाहिए। पितरों का स्मरण कर पिंड दान करना चाहिए और अपनी गलतियों के लिए माफी भी मांगनी चाहिए।
(इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।)
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