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Hindi News AstrologyHal Chhath vrat date and pooja vidhi 2023 Hal Shashthi vrat observed according to Udaya TithiHal Chhath vrat vidhi 2023: उदया तिथि के हिसाब से कब रखा जाएगा हल षष्ठी व्रत
Hal Shashthi vrat observed: भाद्रपद माह में आने वाला हल षष्ठी का व्रत मंगलवार यानी पांच सितंबर को है। यह व्रत संतान के दीर्घायु, सुख व सौभाग्य के लिए रखा जाता है। मान्यता है कि यह व्रत माताएं अपने पुत
Anuradha Pandeyहिन्दुस्तान संवाद,उस्का बाजारMon, 04 Sep 2023 09:29 AMऐप पर पढ़ें
Hal Shashthi vrat observed: भाद्रपद माह में आने वाला हल षष्ठी का व्रत मंगलवार यानी पांच सितंबर को है। यह व्रत संतान के दीर्घायु, सुख व सौभाग्य के लिए रखा जाता है। मान्यता है कि यह व्रत माताएं अपने पुत्रों की लंबी उम्र के लिए रखती हैं। इस दिन बलराम जयंती भी मनाई जाती है। पंडित अवधेश द्विवेदी ने बताया कि भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि चार सितंबर को शाम 4.41 बजे शुरू होगी और इसका समापन पांच सितंबर की शाम 3.46 बजे होगा। उदयातिथि के आधार पर हलषष्ठी का व्रत पांच सितंबर को है। उन्होंने बताया कि भादो कृष्ण षष्ठी को हिंदू धर्म के अनुयायियों की ओर से बलराम जयंती के रूप में भी मनाया जाता है। मान्यता है कि इसी तिथि पर भगवान श्रीकृष्ण के बड़े भाई बलराम का जन्म हुआ था। बलराम जयंती पर माताएं भगवान श्रीकृष्ण सहित उनके बड़े भाई बलराम की विधि-विधान से पूजा करती हैं और अपने बेटे की लंबी उम्र का आशीर्वाद मांगती हैं।
हल छठ व्रत पूजा विधि
हल छठ व्रत के दौरान हल से जुते अनाज और सब्जियों का उपयोग नहीं किया जाता है। इस व्रत में केवल वही वस्तुएं खाई जाती हैं जो तालाब या बिना हल की जुताई वाले खेत में उगी होती हैं। जैसे तिन्नी चावल, केरमुआ सब्जी, पसही आदि से बना भोजन उपयोग होता है। इस व्रत में किसी भी गो से बने उत्पाद जैसे दूध, दही आदि का उपयोग नहीं किया जाता। छठ व्रत के दौरान भैंस के दूध, दही और घी का उपयोग किया जाता है। व्रती महिलाएं कुश के पौधे का पूजन करती हैं। अंत में इकट्ठा होकर हल षष्ठी की कहानी सुनती हैं। इसके बाद वह प्रणाम करके पूजा समाप्त करती हैं।
हल षष्ठी का महत्व
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार बलराम जयंती, हल छठ या हल षष्ठी का व्रत संतान की लंबी उम्र और सुखी जीवन के लिए किया जाता है। इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं और भगवान बलराम व हल की विधि-विधान से पूजा करती हैं। इस दिन दान व पूजन करने से सुख सौभाग्य बना रहता है।
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