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Hindi News AstrologyJanmashtami 2023 very rare coincidences are being made after years know their importance vrat benefitsJanmashtami 2023 Sanyog: कल जन्माष्टमी पर सालों बाद बन रहे अति दुर्लभ संयोग, जानें इनका महत्व व व्रत के चमत्कारिक लाभ
Janmashtami 2023 shubh sanyog: जन्माष्टमी का व्रत गृहस्थों के लिए 6 सितंबर को रखना उत्तम बताया जा रहा है। आप भी जानें जन्माष्टमी पर बनने वाले जयंती व बुधादित्य समेत अन्य दुर्लभ संयोग व इनका महत्व-
Saumya Tiwariलाइव हिन्दुस्तान,नई दिल्लीTue, 05 Sep 2023 12:34 PMऐप पर पढ़ें
Janmashtami 2023 rare coincidences: इस साल कृष्ण जन्माष्टमी बेहद खास मानी जा रही है। जन्माष्टमी पर इस साल करीब 30 साल बाद दुर्लभ संयोग बन रहे हैं। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण की विधि-विधान के साथ पूजा की जाती है। इस साल गृहस्थ 6 सितंबर को और इस्कॉन मंदिर में 7 सितंबर को कान्हा का जन्मोत्सव मनाया जाएगा।
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सालों बाद बन रहा दुर्लभ संयोग-
कहा जाता है कि भगवान कृष्ण का जन्म मध्य रात्रि में हुआ था। इसके कारण जन्माष्टमी का पूजन रात में किए जाने की परंपरा है। शास्त्रों के अनुसार जब भगवान श्री कृष्ण का जन्म भाद्रपद कृष्ण अष्टमी को मध्यरात्रि 12 बजे हुआ था तब रोहिणी नक्षत्र मौजूद था। इस साल कृष्ण जन्माष्टमी भी रोहिणी नक्षत्र के अंतर्गत मनाई जाएगी। इसके साथ ही 6 सितंबर को चंद्रमा वृषभ राशि में रहेगा और बुधवार का संयोग भी बन रहा है। जन्माष्टमी पर रवि योग के साथ ग्रहों के न्यायाधीश शनिदेव अपनी स्वराशि कुंभ में विराजमान रहेंगे।
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जन्माष्टमी पर बन रहे शुभ योग-
जन्माष्टमी पर सर्वार्थ सिद्धि योग पूरे दिन रहेगा। मान्यता है कि इस योग में किए गए कार्यों में सफलता हासिल होती है। इसके अलावा रवि योग 06 सितंबर को सुबह 06 बजकर 01 मिनट से सुबह 09 बजकर 20 मिनट तक रहेगा। जयंती योग का भी शुभ संयोग बन रहा है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब भी अष्टमी तिथि पर रोहिणी नक्षत्र विद्यमान होता है तो जयंती योग बनता है। मान्यता है कि इस योग में पूजा-पाठ करने से जातक के तीन जन्म के पाप नष्ट हो जाते हैं। इस दिन सूर्य और बुध एक ही राशि सिंह में रहेंगे, जिससे बुधादित्य योग का भी निर्माण हो रहा है।
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पढ़ें शास्त्रों में वर्णित इस व्रत के लाभ-
शास्त्रों के अनुसार, जो भक्त अपना कल्याण चाहते हैं उन्हें जन्माष्टमी का व्रत पूरी भक्ति व निष्ठा के साथ रखना चाहिए। रात्रि के समय ठाकुर जी का अभिषेक करें। आचार्य देवकी नंदन ठाकुर कहते हैं कि ब्रह्मवैवर्त पुराण में वर्णित है कि यमराज-धर्मराज सावित्री से कहते हैं कि हे देवी जो इस भारतवर्ष में जन्म लेता है और मनुष्य बनता है। मनुष्य बनने के बाद जो भी प्राणी श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का व्रत करता है, वह इसी जन्म में अपने विगत सौ जन्मों के जो पाप हैं वह एक जन्माष्टमी का व्रत करने पर नष्ट हो जाते हैं।
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दूसरा भविष्य उत्तर पुराण में भगवान श्रीकृष्ण युधिष्ठिर से कहते हैं, हे युधिष्ठिर जो व्यक्ति मनुष्य जीवन में एक जन्माष्टमी व्रत करता है वो 20 करोड़ एकादशियों का फल प्राप्त कर लेता है। यही बात अन्य शास्त्रों में भी ब्रह्मा जी कहते हैं। वायु पुराण में भी वर्णित है कि जन्माष्टमी व्रत करने का बहुत बड़ा फल है,जो व्यक्ति जन्माष्टमी के दिन अन्न इत्यादि खा लेता है वह नर्क गामनी होता है, उसे नर्क जाना पड़ता है। जो जातक जन्माष्टमी का व्रत करता है उसकी 21 पीढ़ियां तर जाती हैं। भविष्य पुराण में वर्णित है कि जन्माष्टमी का व्रत करने वाले व्यक्ति की अकाल मृत्यु से रक्षा होती है।
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