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Hindi News Astrologyshri krishna janmashtami 2023 special relation of shri Krishna with Madhya Pradesh Avantika city UjjainJanmashtami Special : अवंतिका नगरी उज्जैन से रहा है भगवान श्री कृष्ण का खास नाता, जानें सबकुछ
shri krishna janmashtami :उज्जैन की अवंतिका नगरी में श्री कृष्ण जन्माष्टमी धूमधाम से बनाया जा रहा है यह पर्व भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर कृष्ण जन्माष्टमी पर्व के रूप में मनाया जाता है।
Yogesh Joshiरिपोर्ट विजेन्द्र यादव,उज्जैनThu, 07 Sep 2023 03:41 PMऐप पर पढ़ें
मध्य प्रदेश की अवंतिका नगरी उज्जैन से भगवान श्री कृष्ण का नाता रहा है, इस नगरी से भगवान श्री कृष्ण की कई कथाएं ओर मान्यताएं जुड़ी हुई है। भगवान ने यहां पर सांदीपनि आश्रम में रहकर शिक्षा ही ग्रहण ही नहीं की थी। बल्कि यहां उन्होंने उज्जैन की राजकुमारी मित्रवृंदा से विवाह भी किया था। इसलिए उज्जैन की अवंतिका नगरी को उनकी ससुराल भी कहा जाता है ऐसा दावा मित्र वृंदा आश्रम के प्रमुख महाराज गिरीश गुरु ने किया है।
उज्जैन की अवंतिका नगरी में श्री कृष्ण जन्माष्टमी धूमधाम से बनाया जा रहा है यह पर्व भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर कृष्ण जन्माष्टमी पर्व के रूप में मनाया जाता है उज्जैन में यह पर्व 2 दिनों तक मनाया जाएगा। उज्जैन में भगवान श्री कृष्ण ने सांदीपनि आश्रम में भाई बलराम और मित्र सुदामा के साथ शिक्षा ग्रहण की थी इसी आश्रम में उन्होंने 4 दिन में चार वेद, 6 दिन में छह शास्त्र, 16 दिन में सोलह विद्या ओर 18 दिन में अठारह पुराण सहित कुल 64 विधाओं का 64 दिनों में ज्ञान प्राप्त किया था। उज्जैन में भगवान श्री कृष्ण के तीन मंदिर है जिसमें पहला मंदिर शांति बनी आश्रम में बना हुआ है जा भगवान ने शिक्षा ग्रहण की थी दूसरा मंदिर द्वारकाधीश गोपाल मंदिर के नाम से जाना जाता है वहीं तीसरा मंदिर इस्कॉन मंदिर है तीनों ही मंदिरों में भगवान के दर्शन हेतु श्रद्धालु पहुंचते हैं।
सांदीपनि आश्रम
- सांदीपनि आश्रम के पुजारी रूपम व्यास के अनुसार महर्षि संदीपनी का आश्रम उज्जैन की शिप्रा नदी किनारे स्थित है। यह मंदिर 5 हजार वर्ष से भी अधिक प्राचीन बताया जाता है। पूरे विश्व का यह एक मात्र मंदिर है जिसमे भगवान श्री कृष्णा हाथ में स्लेट और कलम लेकर बैठे हुए हैं। इस मंदिर में गोमती कुंड बना हुआ है बताया जाता है कि भगवान श्री कृष्ण ने गुरु संदीपनी के स्नान के लिए यहां बाणों से पानी उपलब्ध करवाया था। इस मंदिर में गुरु संदीपनी के साथ श्री कृष्णा बलराम और सुदामा की मूर्तियां स्थापित है। ऐसा बताया जाता है कि यही भगवान श्री कृष्ण ने गुरु दक्षिणा के रूप में गुरु माता का पुत्र लौटाया था। इस क्षेत्र में भगवान ने जो अंक बोले थे उसकी ध्वनि से पूरे क्षेत्र में यह अंक फैल गए थे इसलिए इस अंकपात मार्ग भी कहा जाता है।
भगवान श्री कृष्ण की ससुराल है अवंतिका नगरी
- अक्सर आपने सुना होगा कि भगवान श्री कृष्णा उज्जैन की अवंतिका नगरी में आश्रम में शिक्षा ग्रहण करने गए थे लेकिन यह बात बहुत ही कम लोगों को मालूम है की उज्जैन की अवंतिका नगरी भगवान श्री कृष्ण की ससुराल भी है उन्होंने यहां की राजकुमारी मित्र वृंदा से विवाह किया था। और अपनी पटरानी बनाया था इसका एक मंदिर शांति बनी आश्रम के सामने मित्रवृंदा धाम से बनाया गया है। इस आश्रम के महाराज गिरीश गुरु द्वारा जानकारी देते हुए बताया कि उज्जैन की अवंतिका नगरी को भगवान की शिक्षस्थली के नाम से जाना जाता है लेकिन उज्जैन की अवंतिका नगरी भगवान श्री कृष्ण की ससुराल भी है। यंहा भगवान श्री कृष्ण ने उज्जैन की राजकुमारी मित्रवृंदा से विवाह किया था। इस मंदिर की खासियत यह है कि इनके दर्शन मात्र से कुंवारी कन्याओं के विवाह के योग बन जाते हैं,वैवाहिक क्लेश का निवारण हो जाता है।
सांदीपनि आश्रम के पुजारी रूपम व्यास ने बताया कि भगवान श्री कृष्ण का जन्माष्टमी त्योहार धूमधाम से मनाया जा रहा है भगवान का नींबू और भुट्टे से विशेष सिंगार किया गया है यहां पर वह दो दिनों तक बनाया जाएगा देर रात भगवान का जन्म उत्सव मनाया जाएगा यहां आश्रम की महिला मंडल के द्वारा भगवान की पोशाक तैयार की गई है।
मित्रवृन्दा आश्रम के महाराज गिरीश गुरु ने बताया कि मित्रवृंदा आश्रम में भगवान श्री कृष्ण का जन्म उत्सव गुरुवार को बनाया जाएगा उज्जैनी नगरी भगवान की ससुराल होने के कारण इसका यह विशेष महत्व है इस अवसर पर प्रसिद्ध भजन गायक बृजवासी की भजन संध्या आयोजित की गई है यह मोर पंख श्रद्धालुओं को दिए जाएंगे इस मोर पंख से घर की नजर और दोष और अन्य बाधाओं का निराकरण होता है।
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