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Hindi News AstrologySomvati Amavasya 2023 When is Hariyali Amavasya in July Know date auspicious time for bathing and donatingSomvati Amavasya 2023: हरियाली या सोमवती अमावस्या आज, जानें महत्व, स्नान-दान का शुभ मुहूर्त
Hariyali Amavasya 2023: हरियाली अमावस्या के दिन सोमवार होने के कारण सोमवती अमावस्या का भी शुभ संयोग बन रहा है। जानें जुलाई में कब है सोमवती अमावस्या और जानें शुभ मुहूर्त-
Saumya Tiwariलाइव हिन्दु्स्तान टीम,नई दिल्लीMon, 17 Jul 2023 06:48 AMऐप पर पढ़ें
Hariyali Amavasya 2023, Somvati Amavasya Kab Hai: हिंदू धर्म में सावन मास में पड़ने वाली अमावस्या का विशेष महत्व है। इसे हरियाली अमावस्या या श्रावण अमावस्या कहा जाता है। सोमवार के दिन पड़ने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या भी कहते हैं। हरियाली अमावस्या के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की विधिवत पूजा का विधान है। इस दिन सुहागन महिलाएं श्रृंगार का सामान बांटती हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से मां पार्वती व भोलेनाथ की कृपा से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
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हरियाली अमावस्या शुभ मुहूर्त 2023- अमावस्या तिथि 16 जुलाई को रात 10 बजकर 08 मिनट पर प्रारंभ होगी और 18 जुलाई को सुबह 12 बजकर 01 मिनट पर समाप्त होगी। उदया तिथि मान्य होने के आधार पर हरियाली तीज 17 जुलाई 2023, सोमवार को मनाई जाएगी।
हरियाली अमावस्या 2023 पर स्नान-दान के शुभ मुहूर्त-
ब्रह्म मुहूर्त- 04:12 ए एम से 04:53 ए एम।
प्रातः सन्ध्या- 04:33 ए एम से 05:34 ए एम
अभिजित मुहूर्त- 12:00 पी एम से 12:55 पी एम।
विजय मुहूर्त- 02:45 पी एम से 03:40 पी एम
गोधूलि मुहूर्त- 07:19 पी एम से 07:40 पी एम।
सायाह्न सन्ध्या- 07:20 पी एम से 08:22 पी एम
अमृत काल- 02:32 ए एम, जुलाई 18 से 04:18 ए एम, जुलाई 18
निशिता मुहूर्त- 12:07 ए एम, जुलाई 18 से 12:48 ए एम, जुलाई 18
सर्वार्थ सिद्धि योग- 05:11 ए एम, जुलाई 18 से 05:35 ए एम, जुलाई 18
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हरियाली अमावस्या पर बन रहे तीन शुभ संयोग- हरियाली अमावस्या के दिन सोमवार होने के कारण सोमवती अमावस्या का शुभ संयोग बन रहा है। इसके साथ ही सावन का दूसरा सोमवार भी है। हरियाली अमावस्या पर सर्वार्थ सिद्धि योग का शुभ संयोग भी बन रहा है। सर्वार्थ सिद्धि योग 18 जुलाई को 05:11 ए एम से 05:35 ए एम तक रहेगा। शास्त्रों के अनुसार, कोई भी तिथि सूर्योदय से सूर्यास्त तक मानी जाती है।
कालसर्प दोष निवारण की पूजा- अमावस्या जब सोमवार के दिन पड़ती है तो उसे सोमवती अमावस्या कहते हैं और अमावस्या जब शनिवार के दिन पड़ती है तो उसे शनि अमावस्या कहते हैं। पूर्वजों की आत्मा की तृप्ति के लिए अमावस्या के सभी दिन श्राद्ध की रस्मों को करने के लिए उत्तम माना गया है। कालसर्प दोष निवारण की पूजा करने के लिए भी अमावस्या का दिन शुभ होता है। अमावस्या को अमावस या अमावसी के नाम से भी जाना जाता है।
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