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UCC पर कांग्रेस का रुख साफ नहीं:बैठक के बाद कहा- केंद्र सरकार के ड्राफ्ट के बाद फैसला करेंगेनई दिल्ली5 घंटे पहले
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नई दिल्ली के कांग्रेस मुख्यालय में नॉर्थ ईस्ट राज्यों के नेताओं की भी बैठक हुई। इसमें मणिपुर के हालात पर चर्चा की गई।
देश में यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) को लेकर शनिवार को कांग्रेस की बैठक हुई। बैठक में देश में UCC लागू करने को लेकर चर्चा की गई। हालांकि, इस मीटिंग में भी कांग्रेस अपना रुख तय नहीं कर पाई है।
कांग्रेस नेता केटीएस तुलसी ने ANI को बताया कि UCC को लेकर अभी कुछ तय नहीं हुआ है। जब केंद्र सरकार UCC ड्राफ्ट देगी तब पार्टी इस पर फैसला करेगी। इस बैठक में पी चिदंबरम, सलमान खुर्शीद, विवेक तनखा, लोकसभा सांसद मनीष तिवारी, एल हनुमंथैया और अभिषेक मनु सिंघवी शामिल थे।
केंद्र सरकार देश में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने की तैयारी कर रही
संविधान की धारा 44 के तहत केंद्र सरकार पूरे देश में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने की तैयारी कर रही है। UCC के तहत शादी, वसीयत, बच्चा गोद लेने और अन्य मामलों में देशभर में एक ही कानून लागू हो जाएगा।
नॉर्थ ईस्टर्न राज्यों के नेताओं के साथ बैठक की अध्यक्षता मल्लिकार्जुन खड़गे ने की। उनके साथ केसी वेणुगोपाल भी मौजूद रहे।
लॉ कमीशन ने UCC पर सुझाव भेजने की तारीख 28 जुलाई तक बढ़ाई
वहीं, लॉ कमीशन ने शुक्रवार को यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) पर आम लोगों और संगठनों से सुझाव लेने की तारीख बढ़ा दी। अब UCC पर लोगों के सुझाव 28 जुलाई तक स्वीकार किए जाएंगे। पहले यह तारीख 14 जुलाई तय की गई थी।
लॉ कमीशन ने 14 जून को नोटिस जारी करते हुए आम लोगों और संगठनों से सुझाव मांगे थे। शुक्रवार तक कमीशन को 50 लाख से ज्यादा सुझाव मिल चुके हैं। आयोग का मानना है कि यह मुद्दा देश के हर नागरिक से जुड़ा है, ऐसे में कोई फैसला लेने से पहले उनकी राय जानना जरूरी है। UCC पर सुझाव देने की आखिरी तारीख 14 जुलाई तय की गई थी।
अब पढ़ें, किस पार्टी ने UCC का समर्थन किया है और किसने नहीं…
UCC के समर्थन में शिवसेना (ऊद्धव गुट) और AAP
- शिवसेना (उद्धव गुट): अध्यक्ष उद्धव ने MPLB के मेंबर्स से बुधवार को कहा कि हम UCC का समर्थन करते हैं, लेकिन हम सरकार से स्पष्टीकरण भी चाहते हैं। हम चाहते हैं कि सरकार बताए कि इसका विभिन्न समुदायों पर क्या असर पड़ सकता है। साथ ही UCC पर अब चर्चा शुरू करने के पीछे मोदी सरकार का मकसद पाक-साफ नहीं है।
- AAP: AAP के राज्यसभा सांसद संदीप पाठक ने कहा- हम UCC का समर्थन करते हैं क्योंकि आर्टिकल 44 भी कहता है कि देश में UCC होना चाहिए। हालांकि इसके लिए सभी धर्म के लोगों, राजनीतिक पार्टियों और संगठनों से सलाह-मशविरा कर आम सहमति बनाई जानी चाहिए।
- सुभासपा : ओपी राजभर की पार्टी सुभासपा UCC के समर्थन में है। पार्टी नेता राजभर ने कहा कि देश में सबके लिए एक कानून जरुरी है। विपक्ष के नेताओं अखिलेश, मायावती और राहुल गांधी से भी अपील है कि वे इसका समर्थन करें।
UCC के विरोध में पार्टियों के बयान
- NCP: पार्टी ने UCC के मुद्दे पर वर्किंग कमेटी की मीटिंग में चर्चा की। इसके बाद नेशनल सेक्रेटरी नसीम सिद्दिकी ने कहा- हम ना तो UCC का समर्थन करते हैं और न ही उसका विरोध। जनता और इससे जुड़े वर्गों के बीच इस पर चर्चा की जरूरत है।
- नेशनल कॉन्फ्रेंस: फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि सरकार UCC पर ज्यादा जोर ना डाले। इसे लागू करने के परिणामों पर बार-बार विचार कर ले। देश विभिन्नताओं से भरा है और अलग धर्मों-जातियों के लोग यहां रहते हैं। मुस्लिमों का अपना अलग शरीयत कानून है। सरकार सोच ले, तूफान आ सकता है।
- AIMIM: चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने UCC पर बहस छेड़ने को साजिश बताया था। कहा था कि भाजपा मुख्य मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है।
- कांग्रेस: सांसद शशि थरूर ने कहा, 'जहां तक यूनिफॉर्म सिविल कोड का सवाल है। प्रधानमंत्री नेहरू ने कहा था कि UCC होना चाहिए, लेकिन हमें सभी को साथ लेकर चलना होगा। आप किसी भी देश में किसी एक तबके को नहीं भूल सकते।'
- सपा: सांसद एसटी हसन ने कहा – हम हदीस की हिदायतें नहीं छोड़ सकते। संविधान हर व्यक्ति को अपने धर्म का प्रचार करने का अधिकार देता है।
- DMK : CM एमके स्टालिन ने कहा- मोदी सांप्रदायिक भावनाओं को भड़काकर और देश में भ्रम पैदा करके 2024 का लोकसभा चुनाव जीतने की सोच रहे हैं।
- शिरोमणि अकाली दल : दलजीत चीमा ने कहा UCC लागू होने से अल्पसंख्यकों के अधिकारों पर असर पड़ेगा और देश में अशांति-तनाव बढ़ेगा।
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