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टमाटर ने किसान को बनाया करोड़पति:पुणे के किसान ने 1 महीने में ही कमाए डेढ़ करोड़ रुपए, 350 रुपए तक पहुंचा टमाटरनई दिल्ली31 मिनट पहले
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देशभर में टमाटर की बढ़ती कीमतों के बीच जहां आम आदमी को बुरा हाल है तो वहीं इसने कई किसानों को मोटा फायदा हो रहा है। पुणे के जुन्नर के तुकाराम भागोजी गायकर और उनके परिवार ने एक महीने में 13,000 टमाटर की क्रेट बेचकर 1.5 करोड़ रुपए से अधिक की कमाई की है।
तुकाराम के पास 18 एकड़ कृषि भूमि है इसमें से 12 एकड़ भूमि पर वह अपने बेटे ईश्वर गायकर और बहू सोनाली की मदद से टमाटर की खेती करते हैं। परिवार ने कहा कि वे अच्छी गुणवत्ता वाले टमाटर उगाते हैं।
ऐसे हुआ फायदा
हाल ही में 11 जुलाई 2023 को टमाटर की क्रेट का मूल्य 2100 रुपए (20 किलो क्रेट) मिला। गायकर ने कुल 900 टमाटर की क्रेट बेचीं। उनको एक ही दिन में 18 लाख रुपए मिले। पिछले दिनों में उन्हें ग्रेड के आधार पर प्रति क्रेट 1000 रुपए से 2400 रुपए तक की कीमत मिली है। इससे उन्हें 1.5 करोड़ रुपए से अधिक की कमाई हुई।
इसके अलावा महाराष्ट्र के जुन्नर के ही कई किसानों ने ऊंचे दामों पर टमाटर बेचकर मोटी कमाई की है। किसानों का कहना है कि इस बार टमाटर के टोकरे (20 किलोग्राम ग्राम) के लिए ऊंची कीमत 2500 रुपए यानी 125 रुपए प्रति किलोग्राम मिली है। इससे कई टमाटर उत्पादक लखपति और करोड़पति बन गए हैं।
चंडीगढ में टमाटर 350 रुपए किलो तक पहुंचा
चंडीगढ के फुटकर बाजारों में सोमवार-मंगलवार को टमाटर के दाम 350 रुपए प्रति किलोग्राम तक पहुंच गए थे, हालांकि अभी ये 200 रुपए के ऊपर ही बना हुआ है। वहीं गाजियाबाद में इसका भाव 200 रुपए प्रति किलो पर पहुंच गया है। देश में ज्यादातर जगहों पर टमाटर की कीमतें 100 रुपए के पार पहुंच गई हैं।
बीते 3 सालों में भी दिखा बारिश में टमाटर के दाम बढ़ने का ट्रेंड
बीते तीन सालों में भी बारिश में टमाटर के दामों में बढ़ोतरी का ट्रेंड दिखा है। पिछले साल यानी 2022 के जून महीने में टमाटर के दाम 60-70 रुपए किलो तक पहुंच गए थे। इससे पहले 2021 में दाम 100 रुपए और 2020 में दाम 70-80 रुपए प्रति किलो के करीब पहुंच गए थे।
अगले एक महीने बढ़े हुए रहेंगे दाम
इंदौर की चोइथराम मंडी व्यापारी एसोसिएशन के सचिव निखिल हार्डिया के अनुसार अगले एक महीने लगभग यही स्थिति बनी रहेगी। इसके बाद धीरे-धीरे रेट सामान्य हो जाएंगे। हार्डिया ने कहा कि आसपास से माल की आवक ही नहीं है। सारा माल बाहर से आ रहा है।
तमिलनाडु एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी के अनुसार टमाटर के पौधे जब तीन महीने के हो जाते हैं तो इनसे हफ्ते में दो बार टमाटर तोड़ सकते हैं। ये पौधे 1-2 महीने की अवधि तक फसल देते हैं। हालांकि ये किस्म, मिट्टी और जलवायु परिस्थितियों पर निर्भर करती है।
चीन के बाद भारत सबसे बड़ा टमाटर उत्पादक देश
नेशनल हॉर्टिकल्चरल रिसर्च एंड डेवलपमेंट फाउंडेशन के अनुसार, चीन के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा टमाटर उत्पादक देश भारत है। ये करीब 7.89 लाख हेक्टेयर क्षेत्र से लगभग 25.05 टन प्रति हेक्टेयर की औसत उपज के साथ करीब 2 करोड़ टन टमाटर का उत्पादन करता है। चीन 5.6 करोड़ टन उत्पादन के साथ टॉप पर है।
भारत में साल 2021-22 में 2 करोड़ टन से ज्यादा टमाटर का उत्पादन हुआ था। यहां मुख्य तौर पर दो तरह के टमाटर उगाए जाते हैं। हाइब्रिड और लोकल। मध्य प्रदेश देश में सबसे बड़ा टमाटर उत्पादक राज्य है। इसके बाद सर्वाधिक टमाटर उगाने वाले राज्यों में आंध्रप्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु, ओडिशा और गुजरात का नंबर है।
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